जाने सभी राशियों पर शनि का प्रभाव:–

1. शनि के शुभ होने पर कैसे पता चलता हैं:

     शनि  के शुभ होने के संकेत व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव और उन्नति के रूप में प्रकट होते हैं। 

1.कुंडली में शनि शुभ हैं इसका पता इस प्रकार लगाया जाता हैं कि यदि आपको अचानक ही धन की प्राप्ति होने लगे और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगे व ऋणों से मुक्ति मिले तो आपकी कुंडली में शनि शुभ हैं।

2. कुंडली में शनि शुभ होने पर आपको समाज में मान– सम्मान मिलता हैं और साथ ही दूसरों के प्रति दयालुता और न्यायप्रियता बढ़ती है। छोटी छोटी चीजों में भाग्य का साथ मिलता हैं और धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ती है। 

3. शनि का प्रभाव शुभ है तो व्यक्ति को करियर में स्थिरता और सफलता मिलती है व कठिन परिश्रम का उचित फल मिलता है। इसके साथ आपको चमड़े, लोहे, तेल, लकड़ी, खदान संबंधी व्यापार में लाभ मिलता हैं।

      2.  शनि की ढैया और साढ़ेसाती – क्या हैं और     कितने चरण होते हैं:

  1. शनि की साढ़ेसाती (7.5 साल का प्रभाव)

          साढ़ेसाती तब शुरू होती है जब शनि आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा से पहले, उसी राशि में या चंद्रमा के बाद की राशि में प्रवेश करता है।

यह अवधि कुल साढ़े सात वर्षों (7.5 साल) की होती है, इसलिए इसे साढ़ेसाती कहा जाता है।

शनि साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं:

  1. प्रथम चरण (पहली राशि – 2.5 साल):

            यह चरण तब शुरू होता है जब शनि आपकी जन्मराशि के ठीक पहले की राशि में प्रवेश करता हैं।

  1. द्वितीय चरण (स्वयं की राशि – 2.5 साल):

              यह चरण सबसे कठिन माना जाता है, लेकिन यह व्यक्ति को मजबूत भी बनाता है।इस समय शनि आपकी चंद्र राशि में होता है।

  1. तृतीय चरण (अगली राशि – 2.5 साल):

  यह चरण शनि के चंद्र राशि के बाद वाली राशि में होने पर चलता है।

2. शनि की ढैया (2.5 साल का प्रभाव)

       ढैया तब शुरू होती है जब शनि आपकी कुंडली में चंद्रमा से चतुर्थ (4th) या अष्टम (8th) भाव में प्रवेश करता है।

यह अवधि 2.5 वर्षों की होती है।

ढैया के दो प्रकार होते हैं:

  1. चतुर्थ ढैया (4th भाव):

            इसे “अर्धसाढ़ेसाती” भी कहा जाता है।

इस समय मानसिक चिंता, पारिवारिक कलह और आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं।

  1. अष्टम ढैया (8th भाव):

             यह सबसे कठिन ढैया मानी जाती है। इसमें दुर्घटनाओं, रोगों या अचानक खर्चे की संभावना रहती है।

  1. मीन राशि में शनि का प्रभाव:–

  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि 29 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 22 फरवरी 2028 तक इसी राशि में रहेंगे।

    शनि के मीन राशि में प्रवेश करने से मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा।

     शनि के मीन राशि में प्रवेश से जुड़ी कुछ और बातें:

मीन राशि में शनि का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई तरह के बदलाव ला सकता है। मीन राशि बृहस्पति द्वारा शासित होती है, और जब शनि इस राशि में प्रवेश करता है, तो इसका असर व्यक्ति के मानसिक, आध्यात्मिक और भौतिक जीवन पर पड़ता है।

मीन राशि में शनि का प्रवेश होने पर व्यक्ति के जीवन में कई तरह की प्रभाव होते हैं –

  1.  आर्थिक स्थिति पर प्रभाव
  • शनि मेहनत का फल देर से देता है, लेकिन स्थायी होता है।
  • खर्च पर नियंत्रण जरूरी होता है, क्योंकि शनि मीन राशि में धन संचय करने के लिए अनुशासन सिखाता है।
  1. स्वास्थ्य पर प्रभाव
  • शनि के प्रभाव से व्यक्ति के पैर, जोड़ या इम्यून सिस्टम से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
  • योग, ध्यान और संतुलित आहार से शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  1. . करियर और पेशेवर जीवन पर प्रभाव 
  •  व्यक्ति को अपने करियर में संघर्ष करना पड़ सकता है, लेकिन सफलता मेहनत के बाद जरूर मिलती है।
  • शनि मीन राशि में गहराई से सोचने और योजनाबद्ध तरीके से काम करने की प्रेरणा देता है।
  1. मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर प्रभाव 
  • व्यक्ति कभी-कभी अकेलापन या अवसाद महसूस कर सकता है।
  • शनि व्यक्ति को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है।
  • कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने का हौसला मिलता है।

4. 2025 में शनि किस राशि में रहेंगे:–

        ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त हैं । शनि को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है । शनि के राशि के राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं।

   हम आपको बता दे कि शनि इस समय अपनी मूल त्रिकोण राशि कुम्भ में विराजमान हैं और मार्च 2025 तक इसी राशि में रहने वाले हैं। इसके बाद राशि परिवर्तन करेंगे, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि करीब 30 साल बाद यानी 29 मार्च 2025 को रात 11 बजकर 1 मिनट पर गुरु की राशि मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे और इस राशि में 2 जून 2027 तक रहेंगे। 

 इस परिवर्तन का विभिन्न राशियों पर प्रभाव पड़ेगा:

साढ़ेसाती का प्रभाव:

मकर राशि:  शनि की साढ़ेसाती समाप्त होगी।

कुंभ राशि: साढ़ेसाती का अंतिम चरण प्रारंभ होगा।

मीन राशि: साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा।

मेष राशि: साढ़ेसाती का पहला चरण प्रारंभ होगा।

ढैय्या का प्रभाव:

कर्क और वृश्चिक राशि: शनि की ढैय्या समाप्त होगी।

सिंह और धनु राशि: शनि की ढैय्या प्रारंभ होगी।

  1. 2025 में कौनसी राशि भाग्यशाली होगी:–

   वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि के जातकों के लिए साल 2025 शुभ रहेगा। 

   बृहस्पति ग्रह के वृषभ राशि में गोचर करने से भाग्य में वृद्धि होगी। आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी, आत्मविश्वास बढ़ेगा, और धन लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। 

साथ ही वृषभ राशि के जातकों के लिए वर्ष 2025 कई क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। 

आइए विभिन्न पहलुओं पर एक दृष्टि डालते हैं:

करियर और व्यवसाय:

इस वर्ष करियर में स्थिरता और उन्नति के संकेत हैं। शनि का ग्यारहवें भाव में गोचर आपके प्रयासों को मान्यता दिलाएगा, जिससे पदोन्नति और नई जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं। व्यवसाय में विस्तार और नए अवसर प्राप्त होने की संभावना है।

शिक्षा:

छात्रों के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। उच्च शिक्षा के इच्छुक विद्यार्थियों को सफलता मिलेगी, और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।

आर्थिक स्थिति: 

वर्ष 2025 में आर्थिक दृष्टिकोण से लाभदायक रहेगा। विभिन्न स्रोतों से धन लाभ होगा, और आप अपनी बचत में वृद्धि कर सकेंगे। हालांकि, अनावश्यक खर्चों से बचना उचित होगा, विशेषकर बिजली उपकरणों और वाहनों पर। 

प्रेम और पारिवारिक जीवन:

पारिवारिक जीवन में सामंजस्य बना रहेगा। विवाह योग्य जातकों के लिए शुभ संयोग बन सकते हैं। प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी, और वर्ष के अंत तक संबंधों को विवाह में परिवर्तित करने के अवसर मिल सकते हैं। 

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