विष दोष पूजा उज्जैन
उज्जैन मे विश दोष पुजा बूक करे आज ही पंडित जी से संपर्क करे और अपनी कुंडली के बारे मे जाने और आज ही जाने की क्या आपकी कुंडली मे विष दोष है? हमारे अनुभवी पंडितजी से बात करके आपको सभी जानकारी मिल जाएगी। और जानने य पुजा बूक करने के लिए कॉल करे।
- निःशुल्क ज्योतिष परामर्श
- निःशुल्क कुंडली मिलान
- निःशुल्क वास्तु परामर्श
विष दोष क्या होता है? यह योग कुंडली मे कैसे बनता है?
जन्म कुंडली में शनि चंद्र की युति होती है तो इसको विष दोष माना जाता है । ज्योतिष में चंद्र को मन का कारक माना गया है , अतः मन की स्थिरता भंग होना और मानसिक परेशानियों से जातक घिरा रहता है । इस दोष के कारण सबसे ज्यादा मन प्रभावित होता है, निर्णय लेने की क्षमताओ में कमी होना, निर्णय गलत हो जाना, डिप्रेशन जैसी समस्याये, दांपत्य जीवन में परेशानी, आर्थिक स्थिति में परेशानी, संतान सुख में कमी, कर्जा हो जाना, दुर्घटना के योग बनना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
विष दोष पूजा क्या है?
विष दोष का अर्थ है “विषाक्त ऊर्जा” या “नकारात्मक प्रभाव”। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब राहु, केतु, शनि या मंगल जैसे अशुभ ग्रह कुंडली में उच्च स्थान पर होते हैं या किसी शुभ ग्रह को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, जब चंद्रमा राहु या केतु के साथ स्थित होता है, तो इसे चंद्र विष दोष कहा जाता है। जब सूर्य अशुभ ग्रहों के प्रभाव में आता है, तो इसे सूर्य विष दोष कहते हैं। विष दोष से प्रभावित व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक हानि, मानसिक अशांति, विवाह में बाधाएं, और पारिवारिक कलह। इस दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के हर पहलू पर पड़ सकता है और यदि समय रहते इसका निवारण न किया जाए तो यह गंभीर रूप से जीवन को प्रभावित कर सकता है।
विष दोष पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो किसी व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा, ग्रहों की अशुभता, या विषाक्त प्रभावों को कम करने के लिए किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से तब की जाती है जब किसी की कुंडली में राहु, केतु, शनि या अन्य अशुभ ग्रहों की स्थिति के कारण जीवन में बाधाएं आती हैं। इस पूजा का उद्देश्य व्यक्ति के जीवन से कष्टों को दूर करना और सुख, शांति और समृद्धि लाना होता है।
विष दोष के लक्षण:–
कुंडली में विष दोष होने पर व्यक्ति के जीवन में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
स्वास्थ संबंधी समस्याएं:
- बार-बार बीमार होना या पुरानी बीमारियों से ग्रसित रहना।
- चिकित्सा कराने के बावजूद स्वास्थ्य में सुधार न होना।
- अचानक किसी गंभीर बीमारी का होना।
मानसिक अशांति और तनाव–
- अत्यधिक चिंता, डिप्रेशन, या अनिद्रा की समस्या।
- निर्णय लेने में कठिनाई और आत्मविश्वास की कमी।
- बार-बार डरावने सपने आना या मानसिक रूप से परेशान रहना।
विश दोष से आर्थिक समस्याएं-
- अचानक आर्थिक नुकसान होना।
- व्यापार या नौकरी में बार-बार विफलता मिलना।
- संपत्ति या पैसों का नाश होना।
वैवाहिक जीवन में समस्याएं-
- विवाह में देरी होना।
- शादीशुदा जीवन में असहमति या बार-बार झगड़े होना।
- संतान प्राप्ति में बाधाएं आना।
पारिवारिक कलह और संबंधों में तनाव-
- परिवार में बार-बार मतभेद होना।
- पारिवारिक सदस्यों के बीच आपसी मनमुटाव रहना।
- घर में बार-बार लड़ाई-झगड़े होना।
विष दोष पूजा की आवश्यकता क्यों होती है?
विष दोष पूजा व्यक्ति के जीवन से इन नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए आवश्यक है जो बार-बार जीवन में असफलता का सामना कर रहे हैं या जिनके जीवन में बिना किसी कारण के समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
विष दोष के प्रभाव-
विष दोष के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, करियर, विवाह और सामाजिक जीवन सभी प्रभावित हो सकते हैं।
1.शारीरिक और मानसिक कष्ट
- व्यक्ति को शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है।
- मानसिक रूप से तनावग्रस्त और डिप्रेशन की स्थिति पैदा करता है।
2.आर्थिक कठिनाइयां
- आर्थिक रूप से संघर्ष करना पड़ता है।
- संपत्ति का नाश होता है और कर्ज बढ़ता है।
3.सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट
- समाज में व्यक्ति की छवि खराब हो जाती है।
- किसी न किसी विवाद में फंसने की संभावना रहती है।
विष दोष के प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई रूपों में प्रकट होते हैं। इन लक्षणों की पहचान कर उचित समय पर पूजा कराई जानी चाहिए ताकि दोष का निवारण किया जा सके।
विष दोष पूजा के लाभ:-
1.स्वास्थ्य में सुधार – विष दोष पूजा से व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है और रोगों का निवारण होता है।
2.आर्थिक समृद्धि – व्यापार में लाभ और नौकरी में तरक्की होती है।
3.मानसिक शांति – पूजा के बाद मानसिक तनाव और चिंता दूर हो जाती है।
4.शत्रुओं से मुक्ति – जीवन में शत्रुओं का प्रभाव कम होता है।
5.पारिवारिक सुख – पारिवारिक संबंधों में सुधार आता है और दांपत्य जीवन सुखमय होता है।
विष दोष के मुख्य कारण:-
1.राहु और केतु का अशुभ स्थान पर होना – राहु और केतु छायाग्रह हैं और जब ये व्यक्ति की कुंडली में अशुभ स्थान पर होते हैं, तो विष दोष उत्पन्न होता है।
2.शनि और मंगल का योग या दृष्टि – शनि और मंगल की युति या दृष्टि व्यक्ति के जीवन में संघर्ष और समस्याएं लाती है।
3.काल सर्प दोष – जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में स्थित होते हैं, तो काल सर्प दोष बनता है, जो विष दोष के समान ही हानिकारक होता है।
4.ग्रहण योग – जब सूर्य या चंद्र ग्रहण राहु या केतु के साथ होता है, तो यह विष दोष को जन्म देता है।
5.नवमांश कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति – नवमांश कुंडली में राहु, केतु, शनि या मंगल का कमजोर या पीड़ित होना विष दोष का कारण बनता है।
विष दोष पूजा एक अत्यंत महत्वपूर्ण पूजा है जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता लाती है और सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है। इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार होता है। अनुभवी पंडित के मार्गदर्शन में ही यह पूजा कराई जानी चाहिए ताकि अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।
विष दोष निवारण के उपाय
विष दोष एक ज्योतिषीय अवधारणा है, जिसे कुंडली में ग्रहों के अशुभ योग के रूप में देखा जाता है। विष दोष का कारण राहु, केतु, शनि या अन्य पाप ग्रहों की स्थिति होती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में बाधाएं, स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक संकट और मानसिक अशांति उत्पन्न हो सकती है। इस दोष को शांत करने के लिए पूजा-पाठ और उपाय किए जाते हैं।
मंत्र जाप और दान:
- विष दोष के निवारण के लिए महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- गरीबों को अन्न, वस्त्र और जूते दान करें।
- काले तिल, लोहे की वस्तुएं और सरसों का तेल दान करना शुभ होता है।
भगवान शिव की पूजा:
भगवान शिव को विष नाशक और संहारक देवता माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने विष का पान कर संसार की रक्षा की थी। इसलिए विष दोष निवारण के लिए शिव पूजा अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।
हनुमान जी की पूजा :
हनुमान जी की पूजा विष दोष निवारण में अत्यंत प्रभावी मानी जाती है, विशेष रूप से शनि और राहु के दोषों को शांत करने के लिए। विष दोष का निवारण नियमित पूजा, मंत्र जाप, दान और सही ज्योतिषीय उपायों से संभव है। किसी अनुभवी ब्राह्मण या ज्योतिषी से परामर्श लेकर विशेष अनुष्ठान कराना शुभ फल प्रदान कर सकता है।
विष दोष पूजा कैसे बूक करें:–
नीचे दिये गए बटन पे क्लिक करके आप हमारे अनुभवी पंडित जी से बात कर सकते हे वो आपको पुजा बुक करने मे मदद करेंगे।
विष दोष पूजा उज्जैन मे कराने के लिए संपर्क करे
अगर आप उज्जैन मे विष दोष पूजा करवाना चाहते है, तो आप पंडित जी से संपर्क कर सकते है। पंडित जी के पास वर्षभर विष दोष निवारण पूजा के लिए लोग आते है, और अपनी समस्याओ और बाधाओ से छुटकारा पाते है। अगर आप भी अपनी किसी समस्या से परेशान है, और उसके समाधान के लिए पूजा करवाना चाहते है, तो नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है।