मुंबई में धार्मिक कार्यों के लिए पंडित जी की मांग अत्यधिक है, और पंडित विनय जी इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। पंडित विनय जी को 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है और वे हवन, यज्ञ, विवाह समारोह, नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश, और सत्यनारायण कथा जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करते हैं। उनकी सेवाओं में दुर्गा पूजा, गणेश पूजा, शिवाजी जयंती, गुड़ी पड़वा और नवरात्रि की विशेष पूजाएं शामिल हैं। पंडित विनय जी वैदिक मंत्रों और परंपराओं के अनुसार पूजा-अर्चना संपन्न करते हैं, जिससे भक्तों को शांति, सुख-समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। उनकी विधिपूर्वक की गई पूजा-अर्चना और गहन ज्ञान से लोग धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ उठाते हैं। अगर आप भी पंडित विनय जी की सेवाएं प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज ही पंडित विनय जी से संपर्क करें और अपने धार्मिक कार्यों को शुभ और मंगलमय बनाएं।
हमारी सेवाएं
सभी प्रकार के पूजन, दोष निवारण एवं मांगलिक कार्य
दुर्गा पूजा
इस पूजा में मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र की स्थापना की जाती है और हमारे पंडित जी वैदिक मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना करते हैं, जिसमें दुर्गा सप्तशती का पाठ, हवन, और आरती शामिल होती है। इसके बाद पूजा के अंत में प्रसाद वितरित किया जाता है।
गणेश पूजा
पंडित जी वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए गणेश जी का अभिषेक, पूजन, और आरती करते हैं। जिसमें पंचामृत स्नान, वस्त्र, आभूषण, धूप-दीप, नैवेद्य (मिष्ठान्न), और फूल अर्पित किए जाते हैं। इस दौरान गणेश मंत्रों का जाप और आरती की जाती है।
पूजन के लिए आवश्यक सामग्री में भगवान गणेश की मूर्ति, पंचामृत, वस्त्र, आभूषण, धूप-दीप, नैवेद्य, और फूल शामिल होते हैं। पूजा के अंत में मोदक और लड्डू का प्रसाद वितरित किया जाता है।
शिवाजी जयंती
गुड़ी पड़वा
इस दिन गुड़ी (ध्वज) की स्थापना की जाती है और इस दिन घरों में गुड़ियों की छत्रियाँ लगाई जाती हैं, जिसका अर्थ होता है नए आरंभ और शुभ आशीर्वाद। जिसे आम की पत्तियों और फूलों से सजाया जाता है। पूजा के दौरान गुड़ी की आरती की जाती है और प्रसाद वितरित किया जाता है। इस पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में गुड़ी (ध्वज), आम की पत्तियां, फूल, हल्दी-कुमकुम, नारियल, और प्रसाद शामिल हैं।
नवरात्रि पूजा
पूजा की प्रक्रिया में पंडित जी पहले मां दुर्गा की मूर्ति का स्थापना करते हैं, फिर धूप, दीप, फूल, और पुष्पों से उनका पूजन करते हैं। इसके बाद, वैदिक मंत्रों का पाठ करते हुए मां दुर्गा के आशीर्वाद की कामना की जाती है।
पूजा के अंत में, भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है। समाज में सामूहिक भक्ति और संगीत सामारोह भी आयोजित किए जाते हैं, जो उत्सव को और भी रंगीन बनाते हैं। पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में मां दुर्गा की मूर्ति, धूप, दीप, फूल, पुष्प, और प्रसाद शामिल होते हैं।